बाबा श्रृंगार मंदिर की एक पवित्र और दिव्य परंपरा है, जिसमें भगवान को प्रेम, भक्ति और आदर के साथ सजाया जाता है। प्रत्येक दिन का श्रृंगार अलग-अलग भावनाओं और प्रतीकों को दर्शाता है — कभी बालरूप में, तो कभी राजसी स्वरूप में। कुछ पंक्तियाँ बाबा श्रृंगार पर: बाबा का श्रृंगार नहीं केवल सौंदर्य है, यह तो भक्त की भावनाओं का सुंदर प्रस्तुतीकरण है। हर फूल, हर गहना, हर वस्त्र – भक्ति का प्रतीक है। जैसे-जैसे बाबा सजते हैं, वैसे-वैसे मन भी शुद्ध होता है। अगर आप किसी विशेष दिन, श्रृंगार प्रकार (बाल स्वरूप, रजत श्रृंगार, फुलों का श्रृंगार आदि), या मंदिर का नाम देना चाहें, तो मैं और भी सटीक लाइनें लिख सकता हूँ।

