बाबा शिवलिंग हमारे लिए एक प्रतीक नहीं, बल्कि शिव की अखंड, निराकार, और सच्चिदानंद स्वरूप की उपासना है। इसका दर्शन मन को शांति और आत्मा को शक्ति देता है।
शिवलिंग नहीं केवल पत्थर का आकार है,
यह ब्रह्मांड के सृजन, संरक्षण और संहार का आधार है।
इसमें समाया है आदि और अनंत का रहस्य,
हर जल अर्पण में बहती है भक्ति की गहराई।
नंदी की नज़र जहाँ अडिग होती है,
वहाँ श्रद्धा से स्वयं शिव प्रकट होते हैं।

