हाँ
🔱 बाबा शिवलिंग – दिव्यता की अभिव्यक्ति: न कोई आदि, न कोई अंत है उसका, शिवलिंग स्वरूप ही साक्षात ब्रह्म तत्त्व है उसका। जलधारा से शीतल होता है उनका रूप, भक्तों के हर कष्ट हरते हैं भोलेनाथ स्वरूप। ना रंग, ना रूप फिर भी सबसे सुंदर, यही तो हैं महादेव – सबके भीतर, सबके ऊपर।

